हेलो मेरा नाम कमल हैं मेरी एक चुदाई की कहानी को आपसे बयां करना चाहता हूँ मेरे ऑफिस में मेरी एक कलीग थी और वो मेरी अच्छी फ्रेंड भी थी।
मगर हमने उस नज़र से कभी एक दुसरे के बारे में नहीं सोचा था. उसका नाम मनीषा था और फिगर 36-32-38 का था एक दम मस्त ऊपर से उसका गोरा और एकदम कसा हुआ बदन बस देखते ही कोई भी पागल हो जाए।
उस दिन मैंने उसे काफी परेशान देखा तो पूछा- यार क्या प्रॉब्लम है?
तो उसने बताया कि वो महीने में पहले ही दो लीव ले चुकी है और अब उसे उसकी मौसी की शादी में जाना है जोधपुर और बस से अगर जायेगी भी तो एक दिन में वापिस नहीं आ सकती और एच आर सर मुझे ज्यादा छुट्टी नहीं देंगे।
मैंने तुंरत उसे बोला- टेंशन काहे कि यार मैं तुम्हें जयपुर से जोधपुर बाइक पर ले जाऊंगा, कुछ घंटे में पहुँच जायेंगे और तुम अपना काम निपटा लेना फ़िर वापिस आ जायेंगे वो मान गई।
मगर प्रॉब्लम ये थी कि वो अपने रिश्तेदारों को ये नहीं दिखाना चाहती थी कि वो किसी लड़के के साथ आई है इसलिए मैंने बोला कि मैं वहीं कहीं घूम लूँगा या किसी होटल में रूम ले लूँगा वो मान गई।
हम चल दिए और मैंने उसे जल्दी ही जोधपुर पहुँचा दिया अब मैंने एक होटल में रूम ले लिया और उसको बोल दिया कि जब तुम फ्री हो जाओ तो मुझे फ़ोन पर बता देना और इस होटल में आ जाना।
मैं जाते ही थक जाने के कारण सो गया और नींद तब खुली जब उसका फ़ोन बजा तब तक शाम के 6 बज चुके थे मैंने उसे यहाँ आने को बोला और फटाफट नहाने के लिए चला गया।
जैसे ही मैं नहा कर बाहर निकला तो मैंने देखा कि मनीषा बेड पे बैठी है. दरअसल मैंने गलती से दरवाजा खुला ही छोड़ दिया था।
अब वो भी मुझे देख कर हैरान हो गई क्योंकि मैंने कुछ भी नहीं पहना हुआ था और टावल कंधे पे डाल कर मैं बाल पोंछता हुआ बाहर आ गया। दरअसल मेरे अंडरवियर और बनियान भी बेड पर ही थे।
उसने देखते ही लंड की तारीफ की और बोली- हाय हाय … इतना बड़ा! मैंने फटाफट टावल लेकर नीचे बांधा और बोला तुम्हें नोक करके आना चाहिए था।
उसने कहा- तुम्हें दरवाज़ा बंद करके रखना चाहिए था। अब मेरे कपड़े और अंडर गारमेंट्स उसके पास थे, मैंने उससे मांगे तो उसने नहीं दिए मैं उसे चोदने के मूड में आ गया था।
मैंने कहा देखो या तो प्यार से दे दो वरना फ़िर तुम्हें ही भुगतना पड़ेगा अगर कुछ हो गया तो।
उसने कहा- जो होगा सो देखा जाएगा … पर मैं तो आपके कपड़े देने वाली नही।
मैं समझ गया कि भाई हरी झंडी मिल रही है, मैंने उसके पास जाकर उसका हाथ पकड़ लिया और इसी खींच तान के बीच उसके लिप्स पर किस दे दिया।
पहले कुछ सेकंड्स तो जैसे वो विरोध कर रही थी लेकिन उसके बाद तो बस ज़बरदस्त साथ देने लगी और हमने दस मिनट तक होंठ अलग नहीं किए। बल्कि इस बीच एक दुसरे को कस के पकड़ लिया।
उसने जींस और टॉप पहनी थी और उसकी टॉप में आगे जिप लगी हुई थी. मैंने उसकी जिप को खोल दिया और उसने अपने हाथों से टॉप को अलग कर दिया।
अब मेरे हाथ उसकी ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को प्रेस करने लगे मैंने झटके से हाथ पीछे करके ब्रा का हुक खोल दिया।
उसने कहा- लगता है बड़ी आदत है ब्रा खोलने की? मैंने बोला- सपनों में तुम्हारी ब्रा रोज़ खोलता हूँ इसीलिए मेरी जान।
वो हंसने लगी और मेरी गर्दन पर और छाती पर चुम्बन की बरसात करती रही उसके मस्त कसे हुए बूब्स और एकदम तने हुए निप्प्ल देख कर तो मैं पागल ही हो गया था।
मैंने खूब उसके चूचे चूसे और फ़िर उसकी जींस का हुक खोल दिया वो तो जैसे तैयार ही थी इसके लिए और उसने झट से अपनी जींस ख़ुद ही नीचे करके उतार दी और अपने जिस्म से अलग कर दी।
मेरा टावल कब मेरी कमर से खुल चुका था मुझे नहीं पता था. और मैंने उसकी ब्लैक कलर कि सेक्सी पैंटी भी उतार दी।
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था. मैंने फटाफट उसे चाटना शुरू किया और वो कराहने लगी.
वो अभी तक वर्जिन थी और उसकी चूत बहुत टाइट थी।
जिसका अंदाजा मुझे तब लगा जब मैं उसकी चूत में उंगली डाल रहा था और वो मारे दर्द के रोने लगी।
तभी मैंने 69 की पोसिशन में आकर अपना लंड उसके मुंह में दे दिया वो न न करने लगी और कहने लगी- नहीं ऐसा नहीं करो।
मगर मैंने उसे समझाया मनीषा अगर सेक्स का मज़ा लेना चाहती हो तो सकिंग करो, तुम्हें बहुत मज़ा आएगा।
और वो मान गई उसके बाद तो मैं उसे नीचे से गरम करता गया और उसकी नशीली चूत चाटता रहा और वो मेरा लंड चूसती रही।
फ़िर अचानक लंड छोड़ कर बोली- बस करो कमल अब और नहीं रहा जाता।
मेरे लंड का साइज़ सात इंच और तीन इंच मोटा है. जैसे ही मैं लंड डालने लगा, वो बोलने लगी नहीं रहने दो, ये बहुत मोटा है, मेरी चूत फट जायेगी।
मैंने कहा- मेरी जान, चिंता नहीं करो और थोड़ा सा सब्र रखो मैं तुम्हें बिल्कुल दर्द नहीं होने दूंगा और कुछ नहीं होगा।
मैंने धीरे धीरे घुसाना शुरू किया और उसने चिल्लाना भी शुरू कर दिया मज़ा आ गया. दो मिनट के बाद उसको भी मज़ा आने लगा और वो चीखना बंद करके नीचे से कमर हिलाने लगी।
मैं समझ गया मैंने स्पीड बढ़ा दी और लंड को और ज़ोर ज़ोर से धक्का मारने लगा अब लंड पूरा अन्दर जा चुका था और उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
मैंने उसे 15 मिनट तक लगातार चोदा और इस बीच वो 2 बार झड़ चुकी थी। जैसे ही मेरा माल टपकने वाला था उसने कहा- प्लीज़ अन्दर मत डालना।
मैंने फटाफट लंड बाहर निकला और अपना सारा माल उसके पेट और चूत के बाहर गिरा दिया।
इसके बाद हमने कई बार चुदाई का खेल खेला और हम रात को होटल में ही रुक गए और सारी रात खूब मज़ा करके नंगे ही एक दूसरे से चिपक कर सो गए उसके बाद उसके साथ कई बार सेक्स किया।