मेरी जवानी का जोश

मैं विक्रम विक्की हूँ मेरी उम्र 25 साल है और मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं स्मार्ट होने के साथ साथ लकी भी हूँ।

बात उन दिनो की है जब मैंने हाई स्कूल पास किया और इंटर मैं एडमिशन लेने के लिए कोशिश कर रहा था हालाकि मेरे मार्क्स अच्छे थे पर मैं जिस कॉलेज मे एडमिशन लेना चाहता था उसके हिसाब से कुछ कम थे।

मेरे सब दोस्त एडमिशन ले चुके थे पर मैं उसी कॉलेज में एडमिशन लेना चाहता था। एक दिन मैं फॉर्म सब्मिट करने की कोशिश कर रहा था…कि एक लड़की मेरे पास आई उसने कहा, हेल्लो! विक्की।

तभी मैंने उधर पलटकर देखा वही आँखें, वही मुस्करता चेहरा और वो थी शिल्पा हम लोग क्लास सिक्स से एक साथ स्टडी कर रहे थे एक ही स्कूल में पर हम लोगो में कभी बात नहीं हुई।

लेकिन आज उसने मुझे हेलो बोला, तो कुछ देर तक मेरे मुहँ से कुछ नहीं निकला फिर उसने कहा- फॉर्म सब्मिट करना है?

मैंने कहाँ ‘हाँ’. तो उसने कहाँ फॉर्म मुझे दे दो और मेरे साथ आओ। मैं बिना कुछ बोले उसके पीछे हो लिया।

तब वो मुझे साइंस के डिपार्टमेंट मे ले गयी और अपने अंकल से मिलाया और कहाँ मैं इनको फॉर्म दे देती हूँ आपका काम हो जाएगा।

पर मैंने कहाँ मेरे मार्क्स कुछ कम है तो अंकल ने कहाँ कोई बात नहीं तुम्हारा काम हो जाएगा।

हम लोग डिपार्टमेंट से बाहर आए तो मैंने शिल्पा को थैंक्यू कहा उसने कहाँ किस बात के लिए मैंने कहाँ तुमने एडमिशन मे मेरी हेल्प की इसलिए।

उसने कहाँ हम लोग एक दूसरे को काफ़ी टाइम से जानते है. तो दोस्त है और सच पूछो मेरी सभी फ्रेंड्स ने एडमिशन अलग अलग कॉलेज मे लिया मैं अकेली थी यहाँ।

अंकल की वजह से मैं यहाँ एडमिशन लिया लेकिन कोई परिचित का ना होने की वजह से मैं चाह रही थी कोई ऐसा हो जिसे मैं यहाँ जानती हू ताकि क्लास अटेंड करने मैं बोरिंग फील ना हो।

तभी तुम मुझे दिखे और मैं आपके मार्क्स जानती थी इसलिए मैंने सोचा आप दोस्त भी है और जिस तरीके से आप एडमिशन ले रहे हैं वैसे तो एडमिशन होना नहीं है।

इसलिए मैं और आपको अपने अंकल के पास ले गयी. तो नाउ वी आर फ्रेंड्स. तब मैंने अपना हाथ शेक करने के लिए उसकी तरफ बढाया और कहा श्योर……वाइ नोट।

जब इतनी बातें हम दोनों के बीच मैं हो गयी तब मुझमे कुछ हिम्मत जागी और मैंने शिल्पा से कहा
क्या तुम मेरे साथ कॉफी पीने चलोगी उसने अगर एक दोस्त दूसरे दोस्त से पूछ रहा हैं तो श्योर।

मैंने कहा- रियली एक दोस्त दूसरे दोस्त से पूछ रहा है। फिर हम लोग कॉफी पीने गये और ढेर सारी पुरानी बातें की कैसे आज तक मैं इतने सालों से उससे बातें करना चाहता था पर ना कर सका।

शिल्पा एक गुड लुकिंग फेस थी लेकिन उसमे जो सबसे अट्रॅक्टिव था वो उसके बूब्स (चुचिया) सच बताऊँ मैं जब से उसे जानता था, उसको कम, उसके बूब्स ज्यादा देखता था।

क्यूकी उसकी बॉडी मैं अगर कुछ अट्रॅक्टिव था तो वो थे बूब्स। ये बूब्स ही उसे सेक्सी हॉट और मज़ेदार बनाते थे। मैं अक्सर ख्यालो में उसके बूब्स को अपने हाँथो में लेता था पर कमबख्त आते ही नहीं थे।

हम दोनों अगल-बगल बैठते थे। और स्टडी के साथ फन भी करते कॅंटीन में जाते बातें भी करते और एक दूसरे के साथ मज़ाक भी करते।

फिर मैं उसे कॉलेज से उसके घर और घर से कॉलेज लाने ले जाने लगा। जब घर से वो निकलती अकेले मैं कुछ दूर पर उसका इंतज़ार करता और वो आकर मेरी मोटरसाइकल पर बैठ जाती और कॉलेज घर जाते टाइम मैं उसे घर से पहले छोड़ देता।

एक दिन उसने अपनी जन्मदिन में मुझे अपने घर बुलाया और सबसे मिलाया। मैंने उसके मम्मी और पापा के चरण छुए और उसकी एक बड़ी सिस्टर थी नीता लेकिन उससे बिल्कुल अलग पर एक चीज़ सेम थी मालूम है क्या उसके बूब्स।

शायद शिल्पा से बड़े क्योंकि वो शिल्पा से दो साल बड़ी थी। उस दिन से मेरा उसके घर आना जाना शुरू हो गया कुछ दो या तीन महीने निकल गये इन सब में। अब मैं कभी कभी स्टडी करने भी उसके घर जाने लगा।

उस दिन रविवार था था जब मैं उसके घर गया मैंने कॉल बेल दबाई अंदर से कोई आवाज़ नहीं आई कुछ देर बाद मैं दुबारा बेल पुश किया. तभी अंदर से मधुर सी आवाज़ आई ‘कौन है?’
मैंने कहा- मैं… विक्की उसने कहा- एक मिनट!

मैं दरवाज़े के बाहर इंतज़ार करने लगा और कुछ सोचने जा ही रहा था की दरवाज़ा खुलने की आवाज़ आई और खुल गया पर दरवाज़े पर कोई नही…मैं देख ही रहा था की फिर से आवाज़ आई अरे जल्दी अंदर आओ क्या वही खड़े रहोगे.

मैं झट से अंदर घुसा और जैसे अंदर घुसा तभी दरवाज़ा बंद होने की आवाज़ आई और मैं पलटा और पलटते ही दंग रह गया…वो भीगे हुए बदन एक घुटनो से भी ऊपर तक के गाउन से डाले हुई थी और जांघो के नीचे से नंगे पैर…वो जो नज़ारा था या कोई कयामत था वो कोई और नहीं शिल्पा थी।

उसने मेरी तरफ देखा और कहा तुम 5 मिनट वेट करो मैं बस अभी आती हूँ। मैं कुछ समय के लिए वेट करने लगा और सोफे पर बैठ गया।

कुछ देर बाद शिल्पा टी-शर्ट और ब्लू रंग की स्किन टाइट जीन्स पहने हुए भीगे बालों को पोछते हुए वो मेरे सामने आई और कहा- अरे! क्या हुआ ठीक से बैठते क्यों नहीं हो…

मैंने अपने आप को ठीक किया औरपूछा आज कोई दिख नहीं रहा?
शिल्पा ने कहा- दिखेंगे कैसे जब कोई होगा तब ना. मम्मी-पापा और दीदी सीतापुर गये है शादी अटेंड करने लेट नाइट आएँगे मेरा मन नहीं था इसलिए नहीं गयी।

मैं अंदर अंदर बहुत खुश हुआ और अपने अंदर हिम्मत भी आ गयी. तो मैंने कहा- तो आज तुम अकेली हो।  उसने कहा- अकेले? नहीं तो, किसने कहा? मैंने कहा- मम्मी-पापा और दीदी सब चले गये फिर कौन है तुम्हारे साथ? उसने कहा- तुम हो ना…

मेरे मुह से ज़ोर सी हँसी निकल गयी… और वो भी हंस दी। उसने तभी कहा- रियली मैं अभी तुम्हे फ़ोन करने वाली थी मैं यहाँ अकेली हूँ तुम आ जाओगे तो साथ भी हो जाएगा, स्टडी भी हो जाएगी और समय भी कट जाएगा। अच्छा तुम दो मिनट बैठो, मैं कॉफी ले के आती हूँ.

मेरी नज़र ना चाहते हुए भी बार बार उसके बूब्स की तरफ जा रही थी। भीगे बालों में वो इतनी सेक्सी लग रही थी की एक बार तो मेरा लंड खड़ा होते होते बचा…

आज मैं शिल्पा की चूचियाँ दबा कर ही मानूंगा चाहें जो हो जाए पर कैसे, कहीं चिल्ला दी तो, अरे नहीं इतने सालों से जानती हैं नहीं चिल्लाएगी लेकिन अगर कहीं बुरा मान गयी तो दोस्ती टूट गयी तो… फिर क्या किया जाए कैसे शिल्पाकी चुदाई करूऊऊउ, कुछ समझ में नहीं आ रहा हैं…

मैं इन्ही ख़यालो मैं डूबा था की शिल्पा की आवाज़ आई- अरे विक्की क्या सोच रहे हो?
मुझे झटका लगा क्या बोलूं , बोलूं कि न बोलूँ. तभी शिल्पा की दुबारा आवाज़ मेरे कानो मैं पड़ी- विक्की तबीयत तो ठीक हैं…मैंने कहाँ तबीयत…तबीयत को क्या हुआ ठीक तो है…बस कुछ सोच रहा था।
क्या सोच रहे थे?’ शिल्पा ने कहा मैंने कहा- कुछ खास नहीं! और उसके हाथों से बढाया हुआ कॉफी का मॅग ले लिया और सिप लगाया।

वाकई कॉफी बिल्कुल शिल्पा की ज़वानी जैसी कड़क बनी थी तो मैंने कहाँ मुझे नहीं पता था कि तुम इतनी अच्छी कॉफी बना लेती हों वो मुस्कराई और कहाँ हाआआं कभी-कभी वरना दीदी ही बनाती है।

अब हम लोग खामोश होकर कॉफी सिप कर रहे थे और मेरी नज़र शिल्पा के बूब्स की तरफ जा रही थी बार-बार लगातार। मैं कॉफी सिप करता जाता और उसके बूब्स देखता जाता मुझे ये भी ख्याल नहीं रहा की शिल्पा जिसके बूब्स मैं देख रहा हूँ।

वो मेरे सामने बैठें ही कॉफी सिप कर रही है तबी उसने मुझे टोका- विक्की क्या देख रहे हो?
इस सवाल ने मेरा पसीना निकाल दिया और मैं बिल्कुल हकला गया मैंने कहा- कुछ, कुछ भी तो नही!
लेकिन शिल्पा आज कुछ और मूड में थी तो उसने कहा- नहीं, कुछ देख रहे थे…

उसके कहने के अंदाज़ ने मुझे और डरा दिया…उसने कहा- बोलो… क्या देख रहे थे?
मैंने बरी हिम्मत करके उसके दोनों बूब्स की तरफ़ इशारा करते हुए कहा- वूऊऊ दोनो!
शिल्पा ने मेरी ऊँगलियों का इशारा समझते हुए भी कहा- मैं समझी नहीं. मुह से बोलो क्या देख रहे थे?

अब मुझे ये नहीं समझ मैं आया की मैं क्या बोलूँ… मैंने कहा- सीना… देख रहा था! शिल्पा ने कहाँ सीना, क्यों… सीने मैं क्या है? अब मैं चुप, क्या बोलूं? उसने फिर कहा- अरे! बोलते क्यों नहीं हो? तो मैंने कहा- तुम्हारी चूचियों को…

जिस प्रकार डरते हुए उसको मैंने ये वर्ड बोला… वो ज़ोर से हंस दी… और कहा- आरीईई तो डर क्यों रहे हो, कौन आज पहली बार तुम इन्हें देख रहे हो या कौन से पहले तुम हो जो इसे देख रहें हो देखने वाली चीज़ है सब देखते हैं… तो तुम देख रहें हो तो क्या अपराध कर रहें हो…
जब शिल्पा ने ये वर्ड्स बोलें तब मेरी जान में जान आई और मैं मुस्कराए बगैर नहीं रहा सका…

उसी वक्त शिल्पा सामने वाले सोफे से उठकर मेरे बगल में सटकर बैठ गयी और मेरे हाथों से कॉफी का मॅग ले कर टेबल पर रख दिया और मेरी आखों की तरफ देखने लगी…और कहा- अब देखो, जो देखना है…
मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ.

तभी उसने अपने होंठो को मेरे होंठो पर रख दिए और कहाँ शायद अब तुमको देखने में आसानी होगी और ज़ोर से मेरे होंठों को चूसने लगी

थोड़ी देर में मैं गर्मा गया और मेरे हाथ उसकी चूचियों को दबाने लगे. और अब मैं भी उसके होंठों को चूस रहा था। ये मेरी लाइफ का सबसे बड़ा और हॉट दिन था। आज से पहले मैंने कभी ऐसा महसूस नहीं किया था।

धीरे-2 हम दोनों की साँसे गर्म हो रही थी और मेरे हाथों का दबाव उसकी चूचियों पे बढता ही जा रहा था और वो ज़ोर ज़ोर से साँसे ले रही थी।

तभी वो मेरे बगल से उठ कर मेरे ऊपर दोनों घुटनों को मोड़ कर अपने हिप्स को मेरे ऊपर रख कर मेरी तरफ अपना सीना दिखाते हुए बैठ गयी।

मेरे ऊपर चढ़ कर मेरे होंठों कों बदस्तूर दबाये जा रही थी. मैंने भी उसे अपनी बाहों मे कस कर भर लिया और उसेके रसीलें होंठों को चूसने लगा।

जिस अंदाज़ से वो मेरे ऊपर बैठी थी उससे उसेके हिप्पस का प्रेसर मेरे लंड पर पड़ रहा था. जिसकी वजह से मेरा लंड टाइट होने लगा और उसके हिप्स को छूने लगा।

शिल्पा ने पूछा- विक्की ये मेरे नीचे कड़ा कड़ा क्या लग रहा है? मैंने कहा- शिल्पा ये मेरा लंड है
‘क्या मैं इसे देख सकती हूँ?’ मैंने कहा- डार्लिंग ये सिर्फ़ तुम्हारे लिए ही है।

और वो सोफे से उतर कर नीचे ज़मीन पर घुटने के बल बैठ गयी और अपने हाथों से मेरी पैंट के ऊपर से ही लंड पकड़ लिया और वो मेरी तरफ़ देखते हुए मेरा लंड मसलने लगी।

मैंने बड़कर उसके होंठों को चूम लिया और हाथों से मैं अब उसकी टी-शर्ट उतारने लगा तो उसने अपने दोनों हाथों को ऊपर कर दिया और मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी।

वो अंदर ब्रा में अपने मिनी फूटबाल जितनी चूचियाँ छुपा रखी थी वो बिना परवाह किए मेरे लंड को पैंट के ऊपर से मल रही थी।

मैंने ब्रा के ऊपर से उन हिमालय जितनी विशाल चोटिया देख कर दंग हो गया जो कल तक मेरे सपना था आज हक़ीक़त बनकर मेरे सामने खड़ा था, जिन्हें दबाने की मैं कल्पना किया करता था।

आज मैं उन्हें रियल में दबा रहा हूँ… और मैंने उन्हें खूब जमकर दबाया उसके बाद उसकी ब्रा खोल दी दो उछलती हुई गेंदे बाहर आ गयी उन चूचियों को मैंने क़ैद से आज़ाद कर दिया और वो अब मेरे सामने सीना ताने खड़ी थी।

मैंने शिल्पा को अपनी गोद मैं बैठा लिया और उसकी चूचियों को अपने मुँह मैं भर लिया और दूसरी को अपने हाथों से दबाने लगा। अब शिल्पा के मुँह से सिसकारिया निकलने लगी- …आआ ईई… उसका बदन अंगारों की तरह तप रहा था।

मेरा लंड पैंट से निकलने के लिए बेताब हो रहा था, मैंने शिल्पा से कहा- जानू अब मेरा हथियार अपने होंठों से चूसो उसने तुरंत मेरी पैंट की ज़िप खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और उसे देख कर मेरी तरफ़ मुस्कराई और उसे चूसने लगी।

में सोफे पर से उतर गया और पैंट पूरी उतार दी अब मेरा पूरा लंड के सामने था और वो मज़े से चूस रही थी। अब मैंने अपने बचे कपडे उतार दिए और शिल्पा मेरा लंड चूसने में मस्त थी अब मैंने उसको खड़ा करके उसे अंपनी बांहों मैं भर लिया और उसकी जींस उतार दी वो बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी औरे मैं उस नंगे बदन को निहार रहा था।

उसकी चूत पे उगे छोटे छोटे बाल बिल्कुल फूलो जैसा अहसास दे रहे थे मुझे मैंने तभी एक हाथ से उसकी चूची पकड़ी और दूसरे हाथ की उंगली उसकी चूत मैं डाल दिया उसकी चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी, उसने हल्का हल्का पानी छोड़ दिया था।

मैंने अच्छी तरीके से अपनी उंगली को उसकी चूत में डाल दी धीरे से मैंने दो उंगली उसकी चूत मैं डाली तो वो सिहर उठी जब मेरी दोनों उँगलियाँ चूत के पानी से गीली हो गयी तो मैंने उन दोनों ऊँगलियों को मुंह में डाल ली फर्स्ट टाइम मुझे जन्नत का अहसास हुआ

अब मैंने उसे सोफे पर लिटा दिया हम दोनों पूरी तरीके से नंगे हो चुके थे जल्दी कोई थी नहीं क्योंकि अभी तो दोपहर थी और सबको आना था रात में।

मैं उसके पूरे बदन को अपनी जीभ से चाटने लगा और चूचियों को लगातार दबा रहा था उसका बदन पूरे तरीके से भभक रहा था वो गर्म हो चुकी थी पूरी तरीके से मैंने अपनी उँगलियों से उसकी चूत को चोद रहा था।

उसके मुहँ से सिसकरिया निकल रही थी- ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्छ ईईए विक्की अब मुझे चोद दो मैं बर्दाश्त
नहीं कर पा रही हूँ।

अब मैंने उसे अपने बदन के ऊपर लेता हुआ सोफे पर लेट गया मैंने बहुत सी ब्लू फिल्म्स में ऐक्टर और ऐक्ट्रेस को इस तरीके से मजा लेते देखा था इसलिए मैंने शिल्पा को बताया उसे क्या करना है

वो मेरा लैंड लेकर उसे चूसने लगी और मैंने उसकी चूत को चाटने लगा मैंने उसकी चूत को कभी ऊँगलियों से तो कभी जीभ से चोद रहा था उससे रहा नहीं गया वो मेरे लंड को खा जाने वाली स्टायल से चूस रही थी और मैं उसकी चूत को बड़े प्यार से जीभ से चोद रहा था।

वो मेरा लंड चूसना छोड़ कर कहरारने लगी और मेरी तरफ़ याचना की नज़र से देखने लगी जैसे कह रही हो बस करो विक्की खेलना जो बाँध टूटने वाला है अब मुझसे नहीं रुक रहा है…

तो मैंने उसे अब सोफे पर लिटा दिया और अपने लंड का सुपाडा उसकी चूत के मुहँ पर रख दिया और बाहर से ही उसके ऊपर लंड का लाल वाला हिस्सा जिसे सुपाडा कहते है रगड़ने लगा हम दोनों को एक जलन सा अहसास होने लगा जो कभी तो ठंडा लगता और कभी भट्टी की तरह गर्म जब मुझसे भी रहा नहीं गया।

तब मैंने अपना लंड पकड़ के उसकी चूत के अन्दर डाला लेकिन चूत बहुत टाईट थी मैंने थोड़ा जोर लगाया तो शिल्पा चिल्ला उठी।

मैंने उसके होठों पर अपने होठों को रख दिया और चूसने लगा कुछ सेकेंड बाद मैंने एक जोर का धक्का धीरे से दिया तो मेरा आधा लंड चूत में चला गया उसने चीखना चाहा, पर मेरे होठों ने उसकी चीख रोक दी मैंने उसके होठों चूसना जारी रखा।

जब उसे थोड़ा आराम मिला तो एक जोर का धक्का और लगाया की चीख के साथ ही खून की एक धारा भी निकल पड़ी चूत से पर मैंने परवाह नहीं की क्योंकि ये तो होता ही जब नई चूत फटती है।

मैंने धीरे धीरे अपने लंड को अन्दर बाहर करना शुरु किया पहले तो उसके मुहँ से आवाजें आती रही फिर कुछ देर बाद वो भी अपनी कमर उठा उठा के मेरा साथ देने लगी।

जब मैंने देखा शिल्पा को अब कोई दर्द नहीं है तो हमने अपनी स्टायल को बदल कर के डॉग स्टाइल में आ गए मैंने उसे पीछे से खड़ा करके चोद रहा था और एक हाथ से उसके बाल पकडे हुए और एक हाथ से उसकी चूची दबा रहा था और अपने लंड से शिल्पा की चूत चोद रहा था और शिल्पा के मुहँ से आवाजें आ रही थी उसे लंड पहली बार खा रही थी इसलिए शोर मचा रही थी पर मैंने परवाह किए बगैर उसे चोद रहा था।

तभी शिल्पा को बदन मैं झटका लगा और वो ढीली हो गई मैंने दुबारा उसे जल्दी से तैयार किया और अबकी उसे अपनी गोद में लेकर चोदा उस दिन हमने एक दूसरे को कई बार चोदा वो दिन मेरी लाइफ का सबसे हसीं पल था. मुझे मेरी जवानी का अहसास शिल्पा ने ही कराया था…हम दोनों ने फर्स्ट टाइम जन्नत की सैर की उसके बाद हम दोनों एक साथ बाथरूम में शावर लिया और काफ़ी पीने बैठ गए।

मैंने शिल्पा को आज के लिए थैंक्स कहा तो शिल्पा ने मुस्कराया और कहा- नहीं विक्की, तुम नहीं जानते आज मैंने तुमसे क्या पाया! इसका अगर तुम्हे अहसास होता तो तुम मुझे थैंक्स न कहते बल्कि मुझे तुम्हे थैंक्स कहना चाहिए!

फिर थोडी देर हम लोगो ने नोर्मल होने के लिए कुछ इधर उधर की बातें की और दुबारा इसी तरीके से मौका मिलने पर एक दूसरे को चोदने का वादा किया!

 

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