छोटे भाई के दोस्तों ने मुझे रंडी बनाया

दोस्तो, मैं आरती मेरा जिस्म बहुत ज़्यादा गर्म है मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच की है और फिगर 34-32-36 का है।

मेरा छोटा भाई मुझे चोदता है यहां तक कि वह अब बाहरी लोगों को भी बोल देता है कि मैं उसकी गर्लफ्रेंड हूँ।

हम दोनों इतने ज्यादा कामुक हो चुके हैं कि चलती कार में, होटल में या जहां भी और जब भी मौका लग जाता है, हम दोनों सेक्स करने लगते हैं। मेरा भाई मुझे बहुत अच्छे से चोद देता है।

ऐसे ही एक बार मैं होटल के कमरे में अपने छोटे भाई से चुदने के बाद बिस्तर में नंगी लेटी थी।
मेरा भाई वॉशरूम में गया था।

उसी वक्त उसके फोन पर उसके एक फ्रेंड का कॉल आया। उसके इस फ्रेंड को मैं जानती थी
वह हमारे घर भी काफ़ी आता था।

मैंने उसका कॉल उठा लिया और मैं उससे अभी कुछ कह पाती कि उससे पहले ही सामने से आवाज़ आई- चोद दिया अपनी बहन को घोड़ी बना कर साले भैन के लौड़े … इतनी क्यूट सी दीदी को अपनी रंडी बना रखा है. थोड़ा हमें भी उसकी चूत का मज़ा दिलवा दे।

मैं उसके मुँह से यह सब सुनकर एकदम से हैरान हो गयी कि ये मैंने क्या सुना मेरे बारे में … ये लड़का कैसी बातें कर रहा है।

अभी मैं ये सब सोच ही रही थी कि इतने में वह फिर से बोला- अबे भैनचोद … हमें भी मौका दे दे अपनी रांड बहन को चोदने का!

उस लड़के का नाम तुषार है और उनका एक और दोस्त, जिसका नाम गौरव है।

तुषार बोला- मेरे साथ गौरव भी रेडी है, सारे मिल कर चोदेंगे तेरी बहन को … चाहिए हो तो पैसे भी ले ले यार, पर अपनी बहन को चोद लेने दे।

तब मैं थोड़ा गुस्से में उससे बोली-  क्या बोल रहे हो तुषार … ये सब कौन बोला तुमको … ये सब क्या बकवास है?

उसने मेरी आवाज सुनी तो घबरा कर फोन काट दिया मैंने अपने भाई के फोन से उसका और गौरवका नंबर ले लिया।

मेरा भाई जब बाहर आया, तब मैं कुछ नहीं बोली उसने एक बार मुझे फिर से चोदा और चुदाई के बाद हम दोनों घर आ गए।

इस बात के बाद से मैं अपने भाई के फोन पर नज़र रखने लगी और वह अपने दोस्तों से क्या बात करता है, वह सुनने लगी।

एक बार मैंने उसके व्हाट्सैप पर देखा, तो मेरे भाई ने मेरी नंगी पिक्चर्स अपने उन दोनों दोस्तों को भेज रखी थीं।

फिर हद तो तब हुई, जब मैंने उसको फोन पर कहते सुना कि ऐसे कसे जिस्म की गोरी बहन किस्मत से मिलती है।

वह इतनी बड़ी रांड है कि हल्का सा भी हाथ लगाओ न … तो झट से अपने कपड़े खोल देती है. इसको तो मैं अपनी रखैल बना कर रखूँगा।

इस बार मेरा मन हुआ कि मैं से सीधे सीधे पूछ लूँ कि बात क्या है … और मेरे छोटे भाई ने उसे मेरे बारे में अपने हरामी दोस्तों को क्या क्या बता रखा है।

मैंने तुषार को कॉल किया, तो वह पहले घबराया. फिर मैंने उसे मिलने बुलाया।

उसने मुझे बताया कि मेरा भाई मेरे ऊपर बहुत समय से नज़रें गड़ाए बैठा था और उनको सब कुछ शुरू से ही बताता था. इसलिए वे लोग हमारे घर आते थे।

ये सब बताते बताते तुषार का लंड खड़ा हो गया. मैं वहां से चली आयी।

तुषार  के पास मेरा नंबर चला गया था तो वह मुझे मैसेज करने लगा और हम दोनों मेरे भाई की बातें करने लगे. वह मुझे सब कुछ बताता था।

धीरे धीरे तुषार और मैं क्लोज़ होने लगे मालूम ही नहीं चला कि कैसे सब होता चला गया।

हम सेक्स चैट करने लगे थे और मैं उसे अब सीधे ही अपनी नंगी पिक्चर्स भेजने लगी थी।

तुषार मुझे कहता था कि दीदी आप मेरी रंडी हो मेरे लिए हैरानी की बात तब हुई, जब तुषार ने मुझे चुदने के लिए बुलाया।

जब मैं वहां पहुंची तो देखा कि गौरव भी उसके साथ में था मैं उन दोनों के साथ बैठ गई।

हमने बातें की पर जब  मेरे करीब आने लगा … तो मैंने उसे धक्का देकर पीछे को हटाया और कहा- इसको क्यों लाया … अब मुझे भूल जा!

तुषार ने कहा- कोई फ़र्क नहीं पड़ता यार … रंडी तो रंडी होती है. चाहे एक का लंड ले या दो का ले!

यह कह कर वह मुझे पकड़ कर चूमने लगा। मैं गर्म होने लगी मैं भूल गयी कि मैं किसी अनजान जगह में हूँ और अभी इधर कोई और भी हो सकता है।

तुषार मुझे जैसे चूम रहा था, मैं उसे चूमने लगी. मैं बस गर्म होने लगी उसने एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए।

अब मैं अपने छोटे भाई के दो दोस्तों के सामने बिल्कुल नंगी हो चुकी थी।

तुषार ने भी अपने कपड़े उतारे और मेरे ऊपर चढ़ कर मेरा बदन चूमने लगा।

वह मुझे चूमते हुए कह रहा था- साली रांड … तेरा भाई सही कहता था कि बस कोई तुझे छू भी ले तो तू अपने सारे कपड़े खोल कर चुदवाने को रेडी हो जाती है. पक्की रंडी है तू आह उम्म आह!

दूसरी तरफ गौरव, जो अभी तक बैठा सब देख रहा था, अपना लंड बाहर निकाल कर हिलाने लगा।

उसने जैसे ही हम दोनों को नंगा देखा, वह भी चालू हो गया और उसने ज़रा सी ही देर में अपने कपड़े उतार दिए और अपना लंड मेरे मुँह पर रख दिया।

अब हम तीनों पूर नंगे थे और एक बिस्तर पर थे. मैं उन दोनों के बीच में रंडी की तरह नंगी लेटी हुई थी. हमारी पोजीशन 69 की थी।

कभी तुषार मुझसे अपना लंड चुसवा रहा मुझे तो कभी गौरव और कभी तुषार मेरी चूत चाट रहा था तो कभी गौरव।

वे दोनों मेरे चूचों से भी खेल रहे थे।

ऐसे हमने पलंग पर 15 मिनट मस्ती की। मैं बहुत ज्यादा चुदासी हो गई थी और उन दोनों से लंड पेलने की कह रही थी।

अब पहले गौरव उठा और मेरी चूत पर अपना लंड रख कर रगड़ने लगा। वह लंड के साथ में दो उंगलियां भी मेरी चूत में चला रहा था।

इससे मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैं ज़ोर ज़ोर से सिसकारियां ले रही थी।

जब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैंने गौरव से कहा- अब डाल भी दो ना … क्यों तड़फा रहा है!
इस पर उसका जबाव आया- भीख माँग भैन की लौड़ी रांड!

वह ऐसे गुर्रा कर बोला कि मैं थोड़ा सहम गयी और बोली- गौरव, मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ रही हूँ, तुम्हारे कदमों में गिरी हुई हूँ।

प्लीज़ मैं तुमसे भीख माँग रही हूँ कि मुझे ज़्यादा मत तड़पाओ … बस मुझे चोद दो. आज मेरे इस बदन को अपना बना लो. मैं आज से तुम्हारी रंडी हूँ।

मेरे ऐसा कहते ही गौरव ने मुझे चोदना चालू कर दिया।

वह बीच बीच में मुझसे कहने को बोलता- बोल साली कि मैं एक रांड हूँ … मैं तुम लोगों की रखैल बन कर रहूंगी।

जैसे जैसे गौरव कह रहा था, मैं वह सब उसके पीछे दोहराती जा रही थी।

इतने में गौरव लेट गया और उसने मुझे अपने ऊपर चढ़ा लिया। तुषार  ने बिना इंतज़ार किया मेरी गांड के छेद में लंड डाल दिया।

मुझे उसमें काफ़ी दर्द हुआ पर मैं कुछ नहीं बोल पाई।

हालांकि मैं अपनी गांड मरवा चुकी हूँ पर जो लोग गांड मारने के शौकीन हैं या अपनी गांड मरवाने के शौकीन हैं, वे इस बात को जानते होंगे कि गांड में लंड लेते समय दर्द होता ही है।

कुछ ही देर में मेरी गांड का दर्द जाता रहा और मैं मजा लेने लगी।

उसी समय नीचे से गौरव ने अपने लंड को मेरी चूत में लगा दिया और चूत चिकनी होने के कारण उसका लंड चूत में घुस गया।

ऊपर से उसी पल तुषार ने गांड में लंड पेलने के लिए धक्का दिया तो दोनों लंड मेरे दोनों छेदों में घुसते चले गए।

दर्द के मारे मेरी बुरी हालत हो गई थी मैं उन्हें मना कर रही थी और गाली देती हुई कह रही थी- मादरचोदो, एक एक करके चोद लो भैन के लौड़ो … आह मेरी गांड चूत दोनों फाड़ दी हैं कमीनों ने!

पर वे दोनों मेरी चीखों की परवाह किए बिना मेरी सैंडविच चुदाई किए जा रहे थे।

कुछ देर के दर्द के बाद मैं अपने आप को संभाल चुकी थी और अपने आपको पूरी तरह से उनके हाथों में सौंप चुकी थी।

उनकी रगड़ भरी चुदाई से अब मुझे भी मजा आने लगा मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वे दोनों मेरे मालिक हों … और मैं उनकी गुलाम।

आख़िरी में तुषार ने मेरे चूचों पर मुठ मारी और मुझसे अपना लंड चटवा कर साफ करवाया।

जबकि गौरव ने मेरी चूत में ही अपना वीर्य झाड़ दिया था और फिर उसने भी अपना लंड मुझसे चुसवा कर साफ करवाया।

उन दोनों ने मुझे पूरी रात में चार बार चोदा जिसमें एक बार उन्होंने मुझे बाथरूम में फव्वारे के नीचे गोद में लेकर आगे पीछे से एक साथ चोदा था।

एक बार रूम की खिड़की में बैठा कर चोदा … और एक बार फर्श पर लेटा कर चोदा।

कभी एक साथ चूत और गांड मारी, तो कभी एक मुँह में … और एक चूत में … या गांड में लंड पेल कर चोदता था।

उसके बाद से ये सब हमारे लिए सामान्य हो गया था मैं अपने छोटे भाई से घर में चुदवाती थी और कभी उन दोनों के साथ किसी होटल में अपनी टांगें फैला देती थी, डबल चुदाई चूत गांड की करवा लेती थी।

इस सब के बाद में तुषार के और क्लोज़ आ गयी थी जिसमें मैं तुषार की खुल्लम खुल्ला गर्लफ्रेंड हो गयी थी।

तुषार मुझे हमेशा किसी नए मर्द से चुदवाने के लिए तैयार करता था।

तुषार ने यहां तक मुझे सैट कर लिया था कि वह, गौरव और मेरा छोटा भाई मुझे एक साथ चोदेंगे।

हमने फिर वही किया, जिसमें मुझे बहुत मज़ा आया।

आज मुझे किसी को भी ये सब बताते हुए शर्म नहीं आती कि मैं अपने छोटे भाई और उसके दो दोस्तों की रंडी हूँ।

आज भी मौका लगता है, तो मैं उनसे एक साथ चुदवा लेती हूँ।

तुषार के साथ मुझे लगभग 5 साल हो गए हैं और हम आने वाले साल में शादी भी करने के मूड में हैं।

आज भी तुषार मुझे अपने दोस्तों से चुदवाता है वह अपने पुराने कॉलेज के या ऑफिस के दोस्तों को घर बुलाता है जहां मैं सबके बीच में पूरी नंगी आ जाती हूँ और दारू डिनर के बाद जैसे मैं उनका डेज़र्ट हो जाती हूँ।

 

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