मेरा नाम काजल हैं मै 18 साल की हूँ मै अपनी सेक्स कहानी आपको बताती हूँ जब मेरे भइया शानू ने मुझे पहली बार चुदाई का मजा चखाया।
एक दिन की बात है मै अपनी रूम मै सो रही थी मेरी कमर में जोरों का दर्द हो रहा था। घर में कोई नही था तो मैंने शानू भैया को बुलाया कि मेरी कमर पे मालिश कर दे।
मै उल्टा लेट गई और मेरे कमीज़ के अंदर अपने हाथों से शानू मालिश करने लगा। धीरे धीरे मेरा दर्द कम होने लगा तो मेरी आंख लग गई।
जब आंख खुली तो मेरे बदन पे कमीज़ नही था और मेरी ब्रा भी नही थी।
शानू मेरे बड़े बड़े दोनों बूब को बारी बारी चूस रहा था मुझे भी मजा आ रहा था इसलिए मै भी चुप रहकर चुसवाती रही।
शानू ने मेरी दोनों निप्पल्स को चूस चूस के बहुत टाईट कर दी थी मै जग कर भी सोने का नाटक कर रही थी क्योंकि मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।
मेरी चूत पानी पानी होकर शानू के लंड का इंतजार कर रही थी लेकिन मै यह बात शानू को बता नही सकती। .
इतने में शानू ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया मै तो उसका बड़ा लंड देख कर पागल हो रही थी।
शानू ने अपना लंड मेरे बूब पर रख कर रगड़ना शुरू किया तो मुझे और मजा आने लगा शानू का लंड मेरी दोनों निप्पल्स से खेल रहा था।
मै लंड अपने मुंह मै लेकर चूसना चाहती थी लेकिन क्या करू? और मै अब सोच रही थी के शानू मेरी सलवार भी उतार दे और मेरी चिकनी हो रही चूत मै लंड डाल कर मुझे चोदे लेकिन शानू तो अपने लन्ड से मेरे बूब्स से खेलने में लगा था।
थोड़ी देर बाद शानू ने अपना लन्ड मेरे मुंह पर लगाया तो मुझ से रहा नहीं गया, मैंने तुरन्त ही लन्ड को अपने मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी।
शानू भी अपने आपे में ना रहा और बोला – बहन ! मेरे लन्ड को और जोर से चूसो, लोलीपोप की तरह चूसो, बहुत मज़ा आ रहा है आऽऽहा आऽऽह म्म आ।
मैने सोचा कि शानू मेरे मुंह में चुदाई करेगा तो मेरी चूत का क्या होगा, वो तो प्यासी रह जायेगी।
मैंने अपने मुंह से लन्ड को छोड़ दिया और बोली- बस भैया! अब मेरी चूत की बारी है। भोंसड़ी की कभी की पानी पानी हो कर तुम्हारे लन्ड का इन्तजार कर रही है।
शानू ने तुरन्त ही मेरी सलवार उतार दी। मैंने पैन्टी नहीं पहनी थी तो शानू बोला- बहना चड्डी क्यों नहीं पहनी?
मैं बोली रोज़ाना रात को अपनी उंगली से अपनी चूत को चोदने में चड्डी पहन कर मज़ा नहीं आता। अब बातें कम करो और मेरी चूत को चाटो।
तुरन्त ही शानू मेरी टांगें फ़ैला कर चूत को चाटने लगा तो मेरी चूत, भोंसड़ी की, और पानी छोड़ने लगी।
भैया अपनी पूरी जबान मेरी चूत में डाल कर चाट रहा था। मेरे मुंह से आआऽऽहऽऽ निकलने लगा और मैं उसके लन्ड को अपने हाथ में लेकर जोरों से हिलाने लगी तो शानू पलट कर मेरे ऊपर आ गया और बोला मेरी बहना ! अब मैं अपना लन्ड तेरी चूत में डाल कर चोदता हूं।
उसने मेरी चूत पे अपना लन्ड रख कर जोर से धक्का दिया तो मैं खुशी के मारे आऽऽऽहें भरने लगी। भैया मुझे चोदे जा रहा था और मैं चुदवाती जा रही थी।
थोड़ी देर तक चुदाई के बाद भैया ने अपना लन्ड मेरी चूत में से निकाल कर मुझे ऊपर आने को कहा। भैया नीचे लेट गया और मैं उसके ऊपर।
मैंने अपनी चूत भैया के लन्ड के ऊपर रखी और धीरे से धक्का लगाकर फ़िर से चुदाई शुरू कर दी। भैया मेरी चूत में नीचे से धक्का मार रहे थे।
मैं भी उछल उछल कर भैया के लन्ड का मज़ा ले रही थी। भैया मेरी चूत को चोदते चोदते मेरे दोनो बूब्स को अपने हाथों से दबा रहे थे।
मेरे पूरे बदन में बिजली सी दौड़ रही थी कि भैया का वीर्य निकल पड़ा।
मैंने तुरन्त अपनी चूत में से भैया का लंड निकाल दिया और भैया को बोली- शानू ! तूने अपनी चुदाई पूरी कर ली, अब मेरा क्या होगा।
भैया ने एकदम मुझे लिटाया और मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगा। मैं भी अपनी चूत को हिला हिला कर चुदवाती रही और चुदाई का मज़ा ले लिया।
थोड़ी देर बाद भैया दोबारा मेरी चूत की चुदाई के लिए तैयार हो गए फिर भैया ने मुझ से लिपटकर मेरे होठों को चूम लिया।
जैसे ही वो मेरे गले से लिपटे, मेरी चूत में उबाल सा आ गया। वो मुझे जोर जोर से किस करने लगे और मुझे फिर से बिस्तर पर लिटा लिया और अपना लन्ड मेरी चूत में डालने की कोशिश करने लगे।
पंद्रह मिनट तक मेरी चूत को अपने लंड से मज़ा चखाने के बाद उन्होंने मुझे नीचे झुकने के लिए कहा मैं नीचे झुक गई और घोड़ी बन गई
अब घोड़ी बनकर मैंने अपनी गांड भैया के लंड को दे दी भैया ने देखते ही देखते मेरी गांड भी मार ली।
उस रात के बाद भैया और मेरा चूत लन्ड का खेल चलता रहा। वो मेरे होटों को चूसते तो मेरी जान ही निकल जाती और उनका लन्ड मैं अपने हाथ में पकड़ लेती जो कि डण्डे की तरह खड़ा हो जाता था।
वो कभी मेरे रूम में आ जाते और कभी मैं उनके रूम में जाकर अपनी गान्ड मरवाती थी।
एक दिन भैया ने कहा कि मेरा एक दोस्त है, तुम उससे दोस्ती कर लो। मैंने मना कर दिया लेकिन कुछ देर सोचकर मैंने कहा ठीक है, दोस्ती कर लूंगी पर उससे चुदाई नहीं करवाउंगी।
तो भैया ने बताया कि उसका लन्ड बहुत ही मस्त है, एक बार करवा कर तो देखो। मेरी चूत को अब दूसरे लंड की भी तलाशा थी इसलिए मैंने भैया को हां कह दी।
अगले दिन भैया अपने दोस्त को घर पर ले आये और उसने मुझे पकड़ा और कहा कि ये मेरा ख़ास दोस्त है और इसकी इच्छा पूरी कर दो।
कुछ देर बाद मैं मान गयी तब भैया और उनके दोस्त ने मुझे नंगा कर दिया भैया मेरे बूब्स चूसने और उनका दोस्त मेरे होठों को चूसने लगा।
मेरी चूत की गर्मी बहुत बढ़ गई और मेरी चूत गीली होने लगी थी वो अब मेरी गीली चूत को चाटने लगा और एक मेरे होठों को चूसने लगा मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।
अब भैया के दोस्त ने मुझे झटके से बिस्तर पर लिटा लिया और एक झटके से मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया मेरी चीख निकल गयी और उसने मुझे जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया।
भैया ने अपना मोटा लंड मेरे मुंह में डाल दिया और जोर जोर से चुसवाने लगे मुझे बहुत ही मजा आ रहा था।
भैया और उनके दोस्त ने मेरी गांड और चूत की रात भर दो से तीन बार जमकर चुदाई की।
सुबह उनके दोस्त ने मुझे अपने और दो दोस्तों के साथ सेक्स करने के लिए प्रोपोज़ किया।
मैं तैयार हो गई क्योंकि मैंने दो के साथ सेक्स करने का मज़ा चख लिया था इसलिए मेरी चूत में आग लग रही थी।
भैया के दोस्त ने मुझे एक होटल में अपने दो दोस्तों से मिलवाया उनकी नज़र मेरे बूब्स पर थी वो भी मेरे साथ सेक्स करना चाह रहे थे।
वो पहले से ही अपनी चड्डी खोलकर नंगे खड़े थे उनको देखकर मेरे भाई के दोस्त ने भी अपनी पेंट खोलकर चड्डी उतारी और फ़ौरन नंगा हो गया।
कुछ देर में मेरे भैया भी रूम में आ गए और भैया और उनके तीन दोस्तों ने मिलकर मुझे जमकर मेरी दो दिन तक चुदाई की।
होटल में भैया के दोस्तों से चुदने के बाद दोस्तों पता नही मैं कितने लड़कों से चुदी हूँ और आज भी चुदाई करवाती हूँ सही में चुदाई में जो मज़ा हैं वो किसी और चीज में नहीं ।