हैलो दोस्तों मेरा नाम शीना हैं। मैं दिखने में एकदम मस्त माल लगती हूँ। मुझे लड़कों के साथ घूमना बहुत अच्छा लगता है।
मैं अपनी इस चुदाई की कहानी में आपको बताऊंगी कि कैसे मैं अपने किरायेदार से अपनी चूत और गांड की आग को शांत किया।
अब मेरी शादी हो चुकी है। मेरे पति सर्विस करते हैं मेरे अभी कोई बच्चा नहीं है। एक कमरा किराये पर दिया हुआ था उसमें एक लड़का रहता था, उसका नाम पवन था। वो अभी अकेला था उसकी शादी नहीं हुई थी।
पति तो जॉब पर चले जाते थे इस तरह से मैं दिन में पूरे दिन अकेले ही बोर होने लगी थी। मेरे पति वैसे तो बिस्तर में बहुत मस्त हैं जब भी उनको मौका मिलता था, तो वो मेरी चुदाई कर लेते थे।
लेकिन मुझे तो रोज सेक्स करने का मन करता था और मेरे पति ऑफिस में काम की वजह से मुझे सप्ताह में एक दो बार ही चोदते थे जिससे मेरी चुदाई ठीक से नहीं हो पाती थी।
मेरी सहेलियों के तो मज़े थे क्योंकि वो लोग अपने घर पर ही अपने ब्वॉयफ्रेंड को या पड़ोसी को बुलाकर चुदवा लेती थीं।
पवन जो हमारा किरायेदार था वो रात को जॉब करने जाता था इसलिए मैं उससे दोपहर में बात कर लेती थी मैं जब भी छत पर कपड़े सुखाने के लिए जाती थी, तो पवन भी मेरे पीछे आता था और हम दोनों लोग छत पर बातें कर लेते थे ।
हम दोनों में जल्दी ही दोस्ती का रिश्ता बन गया था मैं उसे बहुत पसंद करने लगी थी हम दोनों एक दूसरे से मजाक भी करते रहते थे वैसे पवन अच्छा लड़का था।
जब उससे मेरी बातचीत ज्यादा होने लगी, तो मैं जान गई थी की वो बहुत बिंदास था उसके बारे मैं सोच सोचकर मेरी चूत में खुजली होने लगी थी तो मैं अब पवन से चुदाई का मन बनाने लगी।
पवन मुझे अच्छा लगने लगा था, तब भी मैं अभी उसको अपने घर भी नहीं बुला सकती थी इसलिए मैं उससे बात करके ही मजे ले लेती थी। धीरे धीरे मेरा और पवन का रिश्ता प्यार में बदलने लगा।
वैसे तो मैं हमेशा सलवार सूट पहनती हूँ जब बहुत गर्मी होती थी, तो मैं गाउन भी पहन लेती थी गाउन में मेरी चूची और गांड का आकार बिल्कुल साफ़ दिखाई देता था।
पवन मुझे गाउन में बहुत घूर घूर कर देखता था वो कभी कभी मुझसे बात करते करते मेरी गाउन के अन्दर देखता था, तो उसको मेरी चूची दिख जाती थी। वो मेरी चूचियों को देखने के लिए ही मुझसे करीब होकर बात करता था।
मैं भी उसको अपनी तरफ रिझाने लगी थी, तो मैं उसको अब सब कुछ पहले से ज्यादा दिखाती थी। मैं ये जानती थी कि मेरा बदन पवन को पसंद है। हम दोनों लोग कभी कभी एक दूसरे से बात नहीं कर पाते थे, तो एक दूसरे को देख कर स्माइल कर देते थे।
मैं कभी कभी पवन से बात करने के लिए उसके रूम में भी चली जाती थी। मैं देखती थी कि वो अपना रूम भी अच्छे से रखता था और मेरे पति भी उससे खुश रहते थे। उससे हम लोगों को कोई शिकायत नहीं थी।
उस दिन घर में कोई नहीं था पति अपने ऑफिस के काम से बाहर गए हुए थे उस दिन मुझे बड़ी चुदास चढ़ी थी। मैं नहाकर छत पर कपड़े सुखाने के लिए गयी।
मैं कपड़े सुखा रही थी, तभी पवन ने मुझे पीछे से आकर पकड़ लिया। मैं उसको मना करने लगी, पर वो मान नहीं रहा था। उसने मुझसे बोला भाभी, मैं आपके जिस्म का दीवाना हो गया हूँ। मुझे भी पता है कि आप मुझे पसंद करती हो।
उसकी ये बात सच थी कि मैं भी पवन को पसंद करने लगी थी। वो मुझे किस करने लगा। मैं खड़ी खड़ी उसे मना तो कर रही थी … पर मुझे उसका मुझे चूमना बड़ा ही अच्छा लग रहा था।
कुछ ही देर में मैं भी उसका साथ देने लगी अब उसने मुझे किस करते हुए मेरी चूची को दबा दिया, तो मैं भी एकदम से गर्म हो गयी। अब मैं भी उसको किस करने लगी।
कुछ देर मैंने उसको किस करने के बाद अपने से अलग कर दिया क्योंकि कभी कभी मेरे पड़ोस के लोग भी छत पर अपना कपड़े सुखाने के लिए आ जाते हैं।
मैं अपने रूम में आ गई। मैं रूम में आकर पवन के साथ किस वाले पल को याद करने लगी और मेरी चूत गर्म होने लगी। मुझे भी पवन के साथ सेक्स करने का मन कर रहा था। मैं ये सब याद करते हुए लेटी थी कि तभी पवन मेरे रूम का दरवाजा खटखटाने लगा।
मैंने पूछा- कौन है? उधर से पवन की आवाज आई- मैं हूँ भाभी जी
मैंने दरवाजा खोला, तो पवन अंदर आकर मुझे किस करने लगा और मेरी चूची को दबाने लगा
मैं उससे बोली कि आप अपने रूम में जाओ … मैं अभी आपके रूम में ही आती हूँ वो मान गया।
मैं कुछ देर के बाद पवन के रूम में चली गयी। मैंने देखा कि पवन इस वक्त केवल एक अंडरवियर में था और उसका लंड अंडरवियर में खड़ा था।
वो मुझे खींच कर अपने रूम में बिस्तर पर ले गया और मुझे बिस्तर पर धक्का देकर लिटा दिया वो दौड़ कर अपने रूम का दरवाजा बंद करके वापस आ गया और मुझे किस करने लगा।
पवन ने मुझे किस करने के बाद मेरे गाउन को निकाल दिया और मैं ब्रा और पेंटी में हो गयी। उसने मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरी चूची को बहुत देर तक मसला। उसके बाद वो मेरी पेंटी को चाटने लगा। मेरी चूत से पानी निकल रहा था, जिससे मेरी पेंटी भीग गयी थी।
पवन अपना लंड पकड़ कर मुठ मारने लगा और उसके बाद उसने मेरी ब्रा और पेंटी निकाल दिया। अब मैं उसके सामने नंगी हो गयी थी। मेरे बड़ी बड़ी चूचियों को देख कर वो एकदम से मचल गया।
वो मेरी एक चूची को चूसने लगा और दूसरी को मसलने लगा. उसके बाद वो मेरी दूसरी चूची को चूसने लगा और पहली को मसलने लगा।
इसके बाद वो नीचे को हुआ और मेरी चूत को चाटने लगा। मैं मादक सिसकारियां ले रही थी। मैं एकदम से चुदाई के लिए बेचैन हो गयी थी।
वो मेरी चूत चाटने के बाद मेरी चूत में उंगली करने लगा। मेरी चूत में हल्के हल्के बाल थे, जिससे उसे मजा आ रहा था।
वो मेरी चूत में उंगली करने के बाद मुझे अपना लंड चूसने के लिए बोलने लगा लेकिन मैंने उसको लंड चूसने के लिए मना कर दिया उसके बाद वो मेरी चूत में दुबारा उंगली करने लगा।
मेरी चूत से पानी निकलने लगा था मैं उत्तेजित होकर उसको अपनी चूत में और अन्दर तक उंगली करने के लिए बोल रही थी। वो जोर जोर से मेरी चूत में उंगली करने लगा था। मैं भी जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी थी।
उसके बाद तो हम दोनों चुदाई करने लिए एकदम रेडी हो गए। मैंने पवन से कहा कि अब देर न करो, पहले मेरी प्यास बुझा दो, बाद में खेल लेना।
पवन राजी हो गया और उसने मुझे सीधा लिटा दिया। वो मेरी चूत के सामने अपना लंड लेकर चुदाई के लिए तैयार हो गया।
मैंने चूत खोल दी थी तो उसने मेरी चूत की फांकों पर अपना लौड़ा टिका दिया। उसके लंड के स्पर्श से मेरी चूत एकदम से चुदने के लिए मचल उठी।
कुछ देर मेरी चूत पर अपना लंड रख कर वो अपना लंड रगड़ने लगा। उसके बाद मैंने उसे एक आंख मारते हुए चुदाई करने का इशारा किया, तो उसने अपना लंड मेरी चूत में डाल दिया।
उसके मोटे लंड के जाते ही मेरी एक सिसकारी निकल गई ‘उम्म्ह … अहह … हय … ओह …’ लेकिन मेरी चूत ने जल्द ही उसके लंड को सहन कर लिया।
उसके बाद वो मेरी चूत में अपना पूरा लंड डाल कर मेरी चूत को चोदने लगा। हम दोनों लोग सेक्स करने लगे।
कुछ देर बाद उसने मेरी दोनों टांगों को अपने कंधे पर रख लिया और मेरी चूत में अपना लंड अन्दर तक डाल कर मेरी चूत को चोदने लगा।
हम दोनों मस्ती से सेक्स कर रहे थे और साथ में एक दूसरे को किस कर रहे थे। चुदाई के दौरान कभी वो मेरी चूची को मसल रहा था … कभी निप्पल को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगता था।
जमकर चुदाई होने लगी थी। दोपहर का समय था, इसलिए हम दोनों सेक्स करते करते पसीने से भीग गए थे। चुदाई के पहले ही मेरी चूत काफी गर्म हो गयी थी और उसका लंड मेरी चूत में अन्दर बाहर हो रहा था, जिससे मेरी चूत को अच्छा लग रहा था।
मुझे बहुत दिन के बाद एक दमदार लंड से चुदने के लिए मौका मिला था। पवन ने भी बहुत दिन से सेक्स नहीं किया था और वो बहुत जोर लगाकर मुझे चोद रहा था। जिससे हम दोनों को ही बहुत अच्छा लग रहा था।
पवन के लंड से मेरी चूत की प्यास बुझ रही थी … उसका मोटा लंड मेरी चूत को मस्त चोद रहा था।
मैंने तो पवन से चुदते वक्त ही सोच लिया था कि अगर मेरे पति रोज मुझे नहीं चोदेंगे, तो मैं पवन के रूम में आकर पवन से चुदूंगी।
पवन अपना पूरा लंड अन्दर डाल कर मेरी चूत को चोद रहा था, जिससे मुझे और भी मजा आ रहा था और साथ में मुझे शांति भी मिल रही थी। मैं गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी।
करीब बीस मिनट बाद हम दोनों लोग सेक्स करते करते झड़ने लगे थे लेकिन तब भी वो मुझे पूरा जोर लगा कर चोद रहा था. मेरी सिसकारियां भी तेज होने लगी थीं।
तभी हम दोनों चुदाई करते हुए झड़ने लगे। हम दोनों ने बहुत देर तक सेक्स किया था। इसके बाद दोनों ने ही एक साथ अपना पानी छोड़ दिया था … जिससे दोनों को ही बड़ा मजा आया था।
उसके बाद थक कर मैं कुछ देर के लिए उसके साथ ही लेट गई। हम दोनों लोग की सांसें तेज चल रही थीं। हम दोनों इस वक्त चुदाई के बाद एकदम नंगे पड़े थे।
कुछ देर बाद मैं उठी और मैंने अपनी ब्रा पेंटी पहनी, उसके बाद अपना गाउन पहन कर अपने रूम में जाने लगी।
पवन ने मुझे रोक कर कुछ देर किस किया और उसके बाद मैं अपने रूम में आ गयी।
अब हम दोनों लोग रोज दोपहर को सेक्स करने लगे। मेरे पति ऑफिस चले जाते थे, तो मैं पवन के रूम में जाकर चुदवा लेती थी। वो मुझे बहुत अच्छे से चोदता था जब भी कभी मेरे पति की नाईट ड्यूटी होती थी, तो मैं पहले से ही पवन को बता देती थी।
इसके बाद उस रात को मैं उसके साथ खुल कर चुदाई का मजा ले लेती थी। उसके साथ अब मैं ओरल सेक्स भी करने लगी थी। मुझे उसका लंड चूसना अच्छा लगने लगा था। उसने मेरी गांड भी खोल दी थी। इस तरह से मैंने किरायेदार के लंड से अपनी चूत की प्यास बुझा ली थी।